
SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें
SEO फ्रैंडली ब्लॉग लिखने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि एक SEO फ्रैंडली ब्लॉग होता क्या है। SEO का मतलब होता है SEARCH ENGINE OPTIMIZATION यानि जो भी सर्च इंजन आप प्रयोग कर रहे हैं, जैसे-गूगल या बिन्ग या कोई अन्य, उस सर्ज इंजन में जब भी कोई यूजर आपके टॉपिक से संबंधित कोई जानकारी चाहे तो वह सर्ज इंजन आपके लिखे ब्लॉग को भी वरीयता दे एवं शुरू के पेज में स्थान दे। जिस प्रकार इस पैराग्राफ के अन्त में इस ब्लॉग का टाइटल SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें, दिया जा रहा है।
अर्थात एक ऐसा ब्लॉग या आर्टिकल लिखना जो आसानी से SEO हो जाये। ऐसा ब्लॉग लिखना आपके पाठकों के लिये तो जरूरी होता ही है साथ ही आपकी वैबसाइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने में भी मदद करता है। कोई SEO फ्रैंडली आर्टिकल का लिखना केवल उस ब्लॉग के बीच-बीच में कीवर्ड भरने या उसे बार-बार लिखने से नहीं है। बल्कि किसी भी विषय से संबंधित विस्तृत एवं जरूरी जानकारी को आकर्षक एवं लयबद्ध तरीके से, सरल भाषा के प्रयोग से पूर्ण करने से है। ताकि दी गयी जानकारी आपके यूजर्स के साथ आसानी से एक तालमेल बना लें। सर्च इंजन एल्गोरिदम के साथ भी आपके ब्लॉग का तालमेल होना आवश्यक है।
कीवर्ड की उपयोगिता
किसी भी आर्टिकल या ब्लॉग को लिखने से पहले महत्वपूर्ण है कि जिस भी विषय पर आप ब्लॉग लिखना चाहते हैं, उससे संबंधित की-वर्ड पर आप पूर्ण रिसर्च कर लें एवं उसके साथ-साथ अपने ब्लॉग के टाइटल (मेन हैडिंग), उससे संबंधित फोटोज और मेटा टैग को एक दूसरे के उपयुक्त बनालें। अर्थात आवश्यक है कि उनकी आपस में मैचिंग हो। ये सभी कार्य आपके ब्लॉग को सर्च इंजन में रैंक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे बनाएं
इसके अतिरिक्त, शब्दों एवं व्याकरण का उपयोग इस प्रकार किया जाना चाहिये ताकि लेख की पठनीयता और उसे पढने में एक प्राकृतिक प्रवाह बना रहे। यह सुनिश्चित करता है कि पाठक जुड़े रहें। उस लेख में उनकी समस्याओं के विषय एवं उसके समाधान से संबंधित जानकारी होना भी उन्हें आपके लेख को SEO फ्रैंडली बनाता है। इस लेख में, हम आपको ऐसी SEO फै्रन्डली लेख लिखने से संबंधित मदद करने के लिए आवश्यक एवं उपयुक्त सुझाव और सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाएँगे जो वैब ब्राउजर पर अच्छी रैंक प्राप्त कर सके और आपके पाठकों को उनके समय का मूल्य प्रदान कर सके। तो इन जानकारियों के उपयोग से आपको पता चल जाएगा कि SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें।
आईये इस विषय में क्रमबद्ध तरीके से और जानकारी प्राप्त करते हैं
- सर्वप्रथम अपनी विशेषता वाला विषय चुनें
- अपने पाठकों की जरूरतों और उनकी रुचियों को पहचानें।
- यदि आप किसी व्यवसायिक विषय पर आर्टिकल लिखना चाहते हैं तो, उस उद्योग में कुछ विशेष या ट्रेंडिंग चल रहे विषय को चुनें।
कीवर्ड रिसर्च करें
सर्वप्रथम कीवर्ड को समझें, ये ऐसे शब्द या शब्दों का समूह हैं जिन्हें लोग किसी भी विषय पर कोई कंटेंट खोजने के लिए सर्च इंजन में टाइप करते हैं।
आप कीवर्ड रिसर्च के लिए किसी भी मुफ्त टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। उनमें से कुछ कीवर्ड रिसर्च टूल निम्न प्रकार हैं-
- Google कीवर्ड प्लानर
- Ubersuggest
- AnswerThePublic
इसके अतिरिक्त भी इन्टरनेट पर बहुत सारे कीवर्ड रिसर्च टूल उपलब्ध हैं, आप अपनी सुविधा एवं योग्यता के अनुसार कोई अन्य टूल भी चुन सकते हैं। यहां यह जानना भी आवश्यक है कि किसी कीवर्ड पर कितना सर्च वॉल्यूम है और उस कीवर्ड पर कितना कम्पीटिशन है, ताकि हम एक सही एवं सुगम कीवर्ड पर काम कर सकें।
सर्च वॉल्यूम और कम्पीटिशन की जानकारी करने के लिए टूल-
Google कीवर्ड प्लानर – मासिक सर्च वॉल्यूम और कम्पीटिशन की जानकारी देता है।
Ubersuggest– कीवर्ड की कठिनाई ( कम्पीटिशन स्कोर) और सर्च वॉल्यूम प्रदान करता है। ताकि आपको पता रहे कि जिस कीवर्ड पर आप आर्टिकल लिखना चाहते हैं, उस कीवर्ड या विषय पर कितने लोग वर्तमान में जानकारी ढूंढ रहे हैं।
Ahrefs – यह एक लिमिट तक मुफ्त कीवर्ड जेनरेटर के रूप में कार्य करता है, उसके बाद इसका पेड वर्जन लेना पडता है। इसमें कीवर्ड से संबंधित कठिनाई और संबंधित कीवर्ड को हाइलाइट करता है।
यह अत्यन्त आवश्यक है कि आप इस विषय पर पूरा समय दें एवं सबसे अच्छा कीवर्ड तय करें, ताकि आपकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके, क्योंकि यदि आपने किसी ऐसे विषय या कीवर्ड पर अपना आर्टिकल या ब्लॉग लिखा, जिसपर वर्तमान में सर्च वॉल्यूम नहीं है या कम है तो आपकी मेहनत का आपको उचित लाभ नहीं मिल सकेगा।
हमेशा ध्यान रखें कि अधिकतम सर्च वॉल्यूम और कम-से-कम कम्पीटिशन वाला कीवर्ड चुनें, ताकि आप आसानी से अपने ब्लॉग को रैंक करा सकें।
सुनिश्चित करें कि आपका कीवर्ड आपके लेख के विषय से मेल खाता हो।
अपने आर्टिकल या ब्लॉग की संरचना की रूपरेखा बनाएं
जरूरी जानकारियां
अपने ब्लॉग के मेन टाइटल में कीवर्ड अवश्य शामिल करें, अर्थात अपने ब्लॉग के मुख्य विषय से संबंधित कीवर्ड चुनकर उसको ही अपना मेन टाइटल बनायें। उदाहरण के लिये ये यदि आप कढाई पनीर पर ब्लॉग लिखना चाहते हैं तो आपका कीवर्ड एवं टाइटल होना चाहिये ‘कढाई पनीर कैसे बनायें’ या घर पर कढाई पनीर कैसे बनायें या रैस्टोरेन्ट जैसा कढाई पनीर घर पर कैसे बनायें आदि।
मेन टाइटल हमेशा H1 यानि मुख्य हैडिंग में रखें, मेन हैडिंग से आशय है कि उसका फोन्ट साइज बडा एवं बोल्ड होना चाहिये ताकि एक नजर में ही पता चले कि यही मुख्य टाइटल है एवं प्रयास करें कि एक ब्लॉग में मात्र एक ही मुख्य टाइटल अर्थात H1 रखें।
उसके अतिरिक्त जितने भी सब-टाइल अर्थात उपशीर्षक हों उन्हें H2, H3 के रूप में रखें यानि मुख्य टाइटल से छोटे साइज में।
आपके ब्लॉग के शुरू में संबंधित विषय का आसान भाषा में परिचय हो जोकि आकर्षक, सरल एवं प्रासंगिक हो। ताकि आपके पाठकों को यह समझने में आसानी हो कि SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें।
ब्लॉग से संबंधित सामग्री
ब्लॉग से संबंधित मुख्य सामग्री इस प्रकार होनी चाहिये जोकि मूल्य प्रदान करें, अपने पहले पैराग्राफ में भी स्वाभाविक रूप से कीवर्ड को शामिल करें।
इस सभी का निष्कर्ष यह है कि अपने विषय को अनावश्यक रूप से विस्तार न दें, ऐसा न हो कि पढने वाले को संबंधित जानकारी के स्थान पर उसके आस-पास घूूमने का अहसास हो। जिस जानकारी के लिये वह आपके ब्लॉग पर आया है, उसको आरम्भ से ही उस जानकारी वन-बाई-वन मिलनी चाहिये।
ब्लॉग में क्या सावधानियां रखें
जो भी लेख लिखें उसकी पठनीयता पर ध्यान दें, अर्थात मात्र यह ही आवश्यक नहीं है कि आप जो लिख रहे हैं वो कितना उच्च कोटि का है या फायदेमंद है। साथ के साथ यह भी आवश्यक है कि आपके द्वारा लिखा गया ब्लॉग दिखने में कितना आर्कषक है यानि ऐसा तो नहीं है कि आपने बडे-बडे पैराग्राफ ले लिये हों या लाईनों या पैराग्राफ्स के बीच में पर्याप्त स्पेसिंग ना दी हो तो एक अच्छा एवं पठनीय सामग्री होने के बावजूद यूजर आपके ब्लॉग में फंसा सा महसूस करने लगेगा। ऐसा ब्लॉग यूजर को एक भीड का अहसास कराने लगता है। हमेशा छोटे पैराग्राफ में लिखें, बुलेट पॉइंट और सरल भाषा का उपयोग करें।
अपने टैक्सट के साथ-साथ फोटोज को भी उचित स्थान दें, चित्र किसी भी व्यक्ति को जोडे रखने में महत्वपूर्ण रोल प्ले करते हैं। आप चित्रों के साथ-साथ वीडियोंज का भी अपने ब्लॉग में शामिल कर सकते हैं।
कीवर्ड स्टफिंग से बचें
जैसा कि आप जानते ही हैं कि किसी भी ब्लॉग को रैंक कराने के लिये एक अच्छे कीवर्ड का बडा योगदान होता है एवं उस कीवर्ड को हमें मेन टाईटल, पहले पैराग्राफ के अलावा अपने ब्लॉग में कई अन्य स्थानों पर प्रयोग करना होता है। एक कीवर्ड किसी ब्लॉग में कितना बार आ सकता है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस ब्लॉग की लम्बाई कितनी है, अगर आपका ब्लॉग 300 से 500 शब्दों का है तो कीवर्ड लगभग 3 से 5 बार आ सकता हैं। लेकिन यदि ब्लॉग 500 से 1200 शब्दों का है तो कीवर्ड 5 से 10 बार आना भी हमारे ब्लॉग को रैंक कराने में मदद करता है।
लेकिन यहां यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि अपने कीवर्ड को किसी भी स्थान पर जबरदस्ती में नहीं लिखना चाहिये। कीवर्ड का प्रयोग पूर्णतया स्वाभाविक रूप से करना ही अच्छा रहता है।
कीवर्ड के साथ मेटा शीर्षक और मेटा विवरण जोड़ें-
आप अपने कीवर्ड के साथ मेटा शीर्ष एवं मेटा डिस्क्रिप्शन अवश्य लिखें, यह भी आपके ब्लॉग को रैंक कराने एवं यूजर को लेख के विषय में जानने में मदद करता है।
जिन भी आवश्यक पिक्चर्स का प्रयोग आप अपने ब्लॉग में करते हैं उन सभी में ALT टैक्सट का उपयोग अवश्य करें एवं उसमें अपने कीवर्ड को लिखेे, इसके अतिरिक्त डिस्क्रििप्शन आदि में भी कीवर्ड का प्रयोग करें।
मोबाइल के अनुकूल फॉर्मेटिंग सुनिश्चित करें-
जैसा कि आप जानते हैं कि आज के समय में सर्वाधिक यूजर अपने मोबाइल पर सभी ऑनलाइन कार्यों को करते हैं। ऐसे में यह अत्यन्त आवश्यक हो जाता है कि हमारी वैबसाईट या ब्लॉग इस प्रकार की पेज सैटिंग या फॉरमेट में बनाया जाये कि वह मोबाइल फै्रंडली भी हो अर्थात मोबाइल यूजर को हमारी सामग्री पढने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो। आपके द्वारा लिखा गया ब्लॉग मोबाइल स्क्रीन पर पूरी तरह से फिट आता हो।
एक अति आवश्यक ध्यान यह भी रखें कि ब्लॉग में ज्यादा कठिन शब्दों का प्रयोग करने से बचें, जहां तक संभव हो साधारण एवं आम भाषा में बोले जाने वाले शब्दों का उपयोग करें एवं लेख के व्याकरण अर्थात ग्रामर का भी ध्यान रखें। जितना आपका ब्लॉग लोगों की जरूरत एवं शब्दों की दृष्टि से अच्छा होगा, उसके रैंक करने का प्रतिशत उतना ही अच्छा होगा।
SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें, कुछ आवश्यक टूल्स इस प्रकार हैं
यदि आप अंग्रेजी में ब्लॉग लिख रहे हैं तो आप कुछ ऑनलाइन टूल्स का प्रयोग करके त्रुटियों का पता कर सकते हैं।
1. Grammarly
2. Hemingway Editor
आप अपने ब्लॉग को लिखने के बाद उसे पब्लिश करें एवं उसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें, अर्थात उसका लिंक आप अपने सभी परिचतों को भेज सकते हैं। आप सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मस पर उस लिंक को डाल सकते हैं, ताकि जल्दी से जल्दी लोगों तक आपका जानकारी पहुंच सके।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अतिरिक्त उसे ईमेल न्यूजलेटर्स पर साझा करें।
टिप्पणियों और फीडबैक के माध्यम से पाठकों से जुड़ें।
किसी भी वैबसाइट या ब्लॉग की स्थिति की समीक्षा करने के लिये कुछ टूल्स की मदद भी लेने से लाभ मिलता है। इससे हमें अपने यूजर्स की रूचि के अलावा और भी कई तथ्यों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।
1.Google Analytics: आपके ब्लॉग पर आ रहे ट्रैफिक, रीडिंग टाइम आदि के व्यवहार को ट्रैक करता है।
Google Search Console: इसकी मदद से कीवर्ड/ब्लॉग से संबंधित खोजी जा रही जानकारी, उसका प्रदर्शन और कीवर्ड रैंकिंग की निगरानी कर सकते हैं।
सावधानियाँ और तकनीकें
1. आर्गेनिक सामग्री – हमेशा प्रयास करें की आपकी सामग्री आर्गेनिक हो, अर्थात वो कहीं से देखकर बनायी हुई न हो। यदि आपके विषय एवं शब्दों में मौलिकता होगी तो गूगल अपनी ओर से ही आपके ब्लॉग को प्रमोट करता है।
2. जुड़ाव- अपने दर्शकों की समस्याओं को संबोधित करें और उनका अधिक से अधिक समाधान पेश करें।
3. आंतरिक और बाहरी लिंक- ब्लॉग को SEO फ्रैंडली बनाने के लिये यह भी जरूरी है कि आपके ब्लॉग में INTERNEL & EXTERNEL LINK लगे हों। अर्थात अपने एक ब्लॉग से अपने ही किसी दूसरे संबंधित ब्लॉग तक जाने का लिंक लगायें, इसके अतिरिक्त अपने ब्लॉग से किसी दूसरी वैबसाइट जोकि आपके विषय से ही संबंधित हो, पर जाने हेतु लिंक भी लगायें, ताकि गूगल आपके ब्लॉग की विश्वसनीता को महसूस करे। अपनी साइट पर प्रासंगिक आंतरिक लिंक और विश्वसनीय स्रोतों के लिए बाहरी लिंक जोड़ें। उम्मीद है कि आपको SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें, के शीर्षक से संबंधित सभी जानकारी यहां प्राप्त हो गयी होगी।
पेज स्पीड- पेजस्पीड इनसाइट्स जैसे टूल का उपयोग करके लोड टाइम (वैबसाइट या वैबपेज के खुलने में लगने वाला समय) को चैक करें एवं ध्यान रखें कि यह समय न्यूनतम हो, क्योंकि जिन वैबसाईटस या वैवपेज्स के लोड होने में ज्यादा समय लगता है, उनको गूगल अच्छा कन्टेन्ट होने के बावजूद भी प्रमोट नहीं करता।
नियमित अपडेट- पुराने लेखों को ताजा जानकारी और नए कीवर्ड के साथ अपडेट करें।
मुझे उम्मीद है कि यह लेख आपकी उतनी ही मदद करेगा जितनी की जरूरत है, लेकिन अगर आप इसके बारे में विस्तृत जानकारी चाहते हैं तो कृपया डिजिटल मार्केटिंग सीखने का प्रयास करें। डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन एवं मार्केटिंग का भविष्य है।
उम्मीद है कि आपको SEO फ्रैंडली ब्लॉग कैसे लिखें, के शीर्षक से संबंधित सभी जानकारी यहां प्राप्त हो गयी होगी।